शरीर भगवान का मन्दिर

शरीर भगवान का मन्दिर

मन्दिर को सजाने-सँवारने में भगवान को भुला देना निरी है । किन्तु देवालयों को गन्दा, तिरस्कृत, जीर्ण-शीर्ण रखना भी पाप माना जाता है । इसी प्रकार शरीर को नश्वर कहकर उसकी उपेक्षा करना अथवा उसे ही सजाने-सॅंवारने में सारी शक्ति खर्च कर देना, दोनों ही ढंग अकल्याणकारी हैं हमें सन्तुलन का मार्ग अपनाना चाहिए । शारीरिक आरोग्य के मुख्य आधार आत्म-संयम एवं नियमितता ही हैं, इनकी उपेक्षा करके मात्र औषधियों के सहारे आरोग्य लाभ का प्रयास मृगमरीचिका के अतिरिक्त और कुछ नहीं है ।

पं श्रीराम शर्मा आचार्य
युग निर्माण योजना - दर्शन, स्वरूप व कार्यक्रम-६६ (५.५)


The Body – A Temple of God

In efforts of decorating the temple, neglecting God himself is a gross mistake, and at the same time, keeping temples neglected and shabby is considered a sin. Similarly, neglecting this human body, thinking it as transient, or over indulgence in adorning it - both the approaches are harmful. We have to strike a balance between the two. The basic foundation of sound physical health is self-control and discipline only, hence neglecting them and desiring better health with medicines and tonics is nothing but an illusion, a mirage.

Pt. Shriram Sharma Acharya
Yug Nirman Yojana – The Vision, Structure and the Program – 66 (5.5)
 
 
👉 गुरुगीता (भाग 92) 
👉 सत् चित् आनन्दमयी सद्गुरु की सत्ता

🔷 इस सम्बन्ध में एक अनुभूत कथा है। यह कथा सन्त हरिहर बाबा के एक शिष्य जगतराम की है। यह जगतराम बनारस के पास एक गाँव का अनपढ़-गँवार लड़का था। अपने गाँव में गाय-भैंस आदि जानवर चराया करता था। न जाने किस प्रेरणा से बाबा के पास आ गया। उसके पास इतनी बुद्धि नहीं थी कि उसे कुछ विशेष समझाया जा सके, लेकिन फिर भी उसे भगवान् की भक्ति करने की लगन थी, पर भगवान् को तो वह जानता नहीं था। सो उसने अपने गुरुदेव हरिहर बाबा को ही भगवान् मान लिया था। बस, उसे बाबा की एक बात समझ में न जाने कैसे आ गई थी कि इंसान जो सोचता है, एक दिन वही बन जाता है। इसलिए जो तुम चाहते हो, सो सोचा करो। बड़ी आसान और सहज बात थी, यह मन में जम गई। सरल चित्त जगतराम को तो अपने गुरु में भगवान् को पाना था। उसे गुरुभक्ति में भगवद्भक्ति करनी थी।
   
🔶 बस, इसी......Read Full Please Click

Comments